Friday 17 July 2009

देव सुरैय्या और पहला प्यार

कहते हैं जीवन में पहले प्यार का बड़ा ही महत्व है। उसकी खुशबू जीवन भर साथ बनी रहती है। बहुत से लोगों के जीवन में प्यार आता है। कई प्यार आते हैं। पर उनके बीच पहले प्यार का अपना अलग महत्व होता है। कहा जाता है देवानंद और सुरैय्या में काफी गहरा प्यार था। पर दोनों परिवारों को उनका मिलना पसंद नहीं था। उनके बीच धर्म की दीवार थी वहीं सुरैया परिजन यह बिल्कुल पसंद नहीं करते थे कि उनकी बेटी देवानंद के साथ प्यार के पिंग बढ़ाए।


देव-सुरैय्या का प्यार रजत पट से हटकर हकीकत था पर उस प्यार को अंजाम तक नहीं पहुंचाया जा सका। अब 80 से ज्यादा वसंत देख चुके देवानंद ने अभी हाल में एक बातचीत में सुरैया के साथ अपने प्यार को बड़ी ही शिद्दत से याद किया। उन्होंने कहा कि उन्हें सुरैय्या का प्यार नहीं मिला इसका उन्हें कोई गम नहीं है। वे मानते हैं कि अगर उन्हें सुरैय्या मिल जाती तो उनकी जिंदगी वैसी नहीं होती जैसी आज है। सुरैय्या से अलग रहकर भी उन्होंने जिंदगी को बड़े ही खूबसूरत ढंग से जीया है। देव साहब की यह स्वीकारोत्ति उन लोगों के लिए नजीर है जो प्यार के नहीं मिल पाने पर अपना बाकी समय रोते हुए या फिर शराब के नशे में गुजार देते हैं। मायूसी की चादर तानकर सालों कुछ भी नहीं करते।
किसी का प्यार बड़े नसीब से मिलता है पर अगर जिसे आप प्यार करते हैं वह आपकी जिंदगी में नहीं पाया तो उसकी याद में आप जीवन को और बेहतर ढंग से जी सकते हैं। देव साहब ने यही किया। उन्होंने एक से बढ़कर एक बेहतरीन फिल्में बनाईं। 80 से साल से अधिक की उम्र में भी उनका जोश की नौजवान की तरह ही कायम है। उनके उपर किसी भी तरह की निराशा नहीं देखी जा सकती है।
देव साहब ने कहा कि कुछ साल पहले जब सुरैय्या की मौत हुई तो वे उसके जनाजे में शामिल होनेके लिए नहीं गए। देव साहब के अनुसार किसी के प्रति अपने दुख का सार्वजनिक प्रदर्शन करने में उनकी कोई आस्था नहीं है। वे ऐसे वक्त में अकेले में रोना पसंद करते हैं। जी हां हर मजबूत आदमी भी अकेले में रोता है पर सार्वजनिक स्थलों पर अपने व्यक्तित्व में मजबूती दिखाता है। यही उसकी सफलता का बहुत बड़ा कारण होता है। अगर आप किसी को प्यार करते हैं और वह नहीं मिलता है तो उसकी याद में आप जीवन में हमेशा कुछ नए नए सृजन कर सकते हैं। जरा कल्पना कीजिए आपने किसी को किसी खास वक्त में प्यार किया हो। वह किसी कारण से आपको नहीं मिल पाया हो तो क्या आप उसकी याद में रोते हुए मिलें। जीवन को एक असफल व्यक्ति की तरह जीएं तो आपका प्यार जीवन के किसी मोड़ पर आपको दुबारा मिले तो क्या वह आपको देखकर वह खुश हो सकेगा।
आप यह मानकर चलें कि- तुमसे मिला था प्यार कुछ अच्छे नसीब थे। प्यार के उन सुंदर दिनों को याद करके आप शेष जीवन को और भी सुंदर बनाने की कोशिश में लग जाएं। जिन लोगों को जीवन में प्यार कभी आता है वह भले ही थोड़े वक्त के लिए आए उसको याद करके सारी जिंदगी काटी जा सकती है। जिंदगी में बड़े काम किए जा सकते हैं। शोख जवानी जार दिनों की मेहमान थी। छोड़कर दिल में यादों का संगीत गई।
जो लोग काम करना चाहते हैं उनके लिए यह जिंदगी बहुत बड़ी है। वे उपलब्धियों का अंबार लगा देते हैं जो नहीं करना चाहते वे सालों बैठकर जिंदगी को कोसते रहते हैं। जीवन में प्यार का मिल जाना ही सबकुछ नहीं होता यह महत्वपूर्ण है कि आपने अपने प्यार से क्या सीखा।

 - विद्युत प्रकाश vidyutp@gmail.com


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