Saturday 21 February 2015

सामाजिक जटिलता ने बोए असामानता के बीज

 असम में बोडो समस्या
असम में पिछले चार दिनों से बोडो उग्रवादियों का कहर जारी है लेकिन ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, जब असम की धरती जातीय हिंसा की शिकार हुई है। इससे पहले भी बोडो, आदिवासियों और मुस्लिम समुदाय में हिंसक झड़पें होती रही हैं। इसकी मुख्य वजह सामाजिक जटिलता और भूमि पर अधिकार को लेकर समुदायों में संघर्ष है।

बोडो उग्रवाद की वजह
 - अलग बोडोलैंड राज्य की मांग कर रहा है समुदाय
-  बोडो क्षेत्र को बाहरी लोगों को खदेड़ने की कोशिश
 - बोडो जाति के लोग खुद को मानते हैं यहां का मूल निवासी
- आदिवासियों और बंगाली भाषी मुस्लिमों को मानते हैं बाहरी
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कौन हैं आदिवासी
- ब्रिटिश काल में असम के चाय बगानों में मजदूरी के लिए मुंडा, उरांव और संथाल जातियों के लोग यहां लाए गए
- मूल रूप से झारखंड के छोटानागपुर और संथाल परगना के निवासी है, लेकिन करीब दो सदी से असम में हैं

बोडो जाति की स्थिति
- 30 लाख बोडो जाति के लोग असम में रहते हैं
-06 फीसदी असम की आबादी में हिस्सेदारी बोडो की
 पश्चिम बंगाल, सिक्किम में मेख नाम से जाने जाते हैं
- 90 फीसदी असमी बोडो, बोडो ब्रह्म धर्म को मानते हैं
 09 फीसदी आबादी ईसाई धर्म का अनुसरण करती है
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एनडीएफबी का खूनी अभियान
- 1986 : रंजन दाइमरी का बोडो सिक्योरिटी फोर्स नाम का उग्रवादी गुट की स्थापना, अब तक तीन हजार की कर चुका है हत्या
- 1994 : बोडो सिक्योरिटी फोर्स का नाम बदलकर नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट ऑफ बोडोलैंड (एनडीएफबी) किया गया
- 3500 से अधिक सदस्य एनडीएफबी में थे शामिल, लेकिन आपसी फूट और सुरक्षा बलों के दवाब से घट रही है संख्या
- बोगाईगांव, कोकराझार, बरपेटा, धुबरी, नलबारी और सोनितपुर जिलों में है प्रभाव, कई अन्य संगठनों से मिल रही मदद
- 2012 : एनडीएफबी में विभाजन, सोंगबीजीत और रंजन दाइमरी गुटों में बंटा उग्रवादी संगठन
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कोकराझार में खून-खराबा
- 3 मई 1998 : एनडीएफबी ने बस से निकालकर 14 आदिवासियों की हत्या की
- 10 मई 1998 : जिले के गोसाईगांव में 16 संथाल आदिवासियों की हत्या
- 27 अक्तूबर 2002 : दातगिरी गांव में 22 लोगों की हत्या की गई
- मई 2014 : कोकराझार और बक्सा जिले में 32 मुस्लिमों की हत्या
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सरकारी कोशिश
- 2003 : केंद्र असम सरकार और बोडो गुट में बोडो क्षेत्रीय परिषद बनाने का समझौता हुआ
- 8795 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को संविधान की छठी अनूसूची के तहत स्वायत्त इकाई बनाया गया। 



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